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लेखनी प्रतियोगिता -24-Oct-2022 दीपावली

तर्ज  : चंदन है इस देश की माटी 

दीप जले मन में आशा का मिट जाये सब अंधियारा । 
बुद्धि विवेक की ज्योति जले और घर घर फैले उजियारा ।।

दुख, दारिद्रय, कलेश मिटें जीवन में खुशहाली चमके 
मेहनत की दो रोटी से हर चेहरा चंदा सा दमके 
कठिन परिश्रम मूल मंत्र है सफल हुआ है जग सारा 
बुद्धि विवेक की ज्योति जले और घर घर फैले उजियारा ।। 

समरसता की पवन चले और भ्रातृ भाव की महक बढे 
प्रेम सुधा रस बरसे मन से हिंसा रूपी भाव घटे 
भारत मां की सेवा में तन मन धन अर्पण है सारा 
बुद्धि विवेक की ज्योति जले और घर घर फैले उजियारा 

दीप जले मन में आशा का मिट जाये सब अंधियारा । 
बुद्धि विवेक की ज्योति जले और घर घर फैले उजियारा ।।

सभी महानुभावों और मातृ शक्ति को दीप पर्व पर हार्दिक बधाइयां और अनंत शुभकामनाएं । यह दीप पर्व सबके जीवन में प्रकाश का संचार करे और नकारात्मकता रूपी अंधेरे का नाश करें । 
💐💐💐🌷🌷🌻🌻🙏🙏

श्री हरि 
24.10.22 


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7 Comments

बहुर ही खूबसूरत रचना

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Gunjan Kamal

24-Oct-2022 11:38 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Nancy

24-Oct-2022 12:28 PM

Nice

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